त्वं कः असि (संस्कृत काव्यः)

त्वं कः असि?


निर्जीवचैतन्यस्य कर्ता

पृथिव्याः सृष्टिकर्ता

मूक तटस्थ

त्वं कः असि?


नद्यः प्रवहन्ति

यस्य महिमा

नक्षत्रं प्रज्वलितम्

यस्य वैभवात्

त्वं कः असि?


वायुर्प्रवहन्ति

यस्य निःश्वासः

यस्य वेगेन

ब्रह्मांड गतिमान:

त्वं कः असि?

कवयित्री : कुसुम लता जोशी



हिंदी अर्थ

तुम कौन हो?


जड़ चेतन के कर्ता

धरा आकाश के निर्माता 

मूकदर्शक निरपेक्ष 

तुम कौन हो? 


नदियाँ बहती 

जिसके प्रताप से

नक्षत्रमंडल प्रकाशित

जिसके वैभव से

तुम कौन हो? 


हवाएँ बहती 

जिसकी श्वाँसों से

जगत गतिशील

जिसकी गति से

तुम कौन हो?

कवयित्री : कुसुम लता जोशी



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